गुमान
गुमान
कुछ वाकिया ऐसा किया है तुमने
कि दिल - ए - ज़ख्म फिर हरा हुआ है
ये दर्द बयां करके करना भी क्या
कौन सा ये पहली दफा हुआ है
सांस अजब सी घुट रही है
दिल अजब सा जल रहा है
ये लगा ही था हमे
तुम्हें फिर वहम हुआ है
चलो छोड़ो कौन सा ये पहली दफा हुआ है
खैर कहीं जाहिर ना होने देंगे हम
अश्क अपने छुपा लेंगे
तुम रहो अपने गुमान में
हम फिर दिल दुखा लेंगे।।