बैशाखी इस बार
बैशाखी इस बार
इस बैशाख का भी अब क्या कहना;
इस जैसा ना होगा कोई और महीना !
इसी महीने पड़ता बैसाखी का त्यौहार;
खुशियाँ हुलसती हुई आई अबकी बार !
रिश्ते की खूबसूरती से देखो आई है बहार;
फ़सल की कटाई भी तो हुई खूब इस बार !
बात बात पर ना जाने क्यूँ अकड़ दिखाता है;
अपनी बात मनवाने का बैशाख का तरीका है !
दूर से जो अपने होने का एहसास भर कराए;
ज्यों बैशाख पास जाए मोरा कोमल तन झूलसाए !