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Nand Lal Mani Tripathi pitamber

Romance Fantasy

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Nand Lal Mani Tripathi pitamber

Romance Fantasy

बिजुरिया कैसे चमके

बिजुरिया कैसे चमके

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280

फ़िल्म ---बन्धन

बोल --बिना बदरा के बिजुरिया कैसे चमके


सजती संवरती चलती मचलती निकलती आँखों के काजल कि

तिरछी नजरिया सावन कि बिजुरिया जैसे चमके।।               

सावन कि बिजुरिया जैसे चमके, सावन कि बिजुरिया जैसे चमके !! 


ओठों पे लाली कानो कि बाली गालों पे जुल्फें गिरती बिखरती उलझती घटाए सावन कि गुजारिया

जैसे दमके सावन कि गुजारिया जैसे दमके, सावन कि गुजारिया जैसे दमके !!


हवाओं कि खुशबू मौसम कि बहार कशमकश कशिश दिल कि फुहार

रिम झिम सावन बादरिया जैसे बरसे रिम झिम सावन बादरिया जैसे बरसे !! 


उमड़ घुमड़ चंचल चितवन हिरनी चहके बेला गुलाब कोमल कली महके

सावन कि कज़रिया जैसे कुहुके, सावन कि कज़रिया जैसे कुहुके, सावन कि कज़रिया जैसे कुहुके !! 


मधुर मुस्कान दीवानों कि जान चाहतों कि चाहत आशा अरमान मेला कि मान

गाँव गली नगर से जब निकले, सावन कि नदी प्यासी जैसे लागे।।

सावन कि नदी प्यासी जैसे लागे, सावन कि नदी प्यासी जैसे लागे, सावन कि नदी प्यासी जैसे लागे!! 


भीगा बदन सांसो कि गर्मी संगे मर मर सा गोरा बदन चलत मुसाफिर आह भरे फिसलन लागे।    

जलती कली पिया से मिलन लागे, जलती कली पीया से मिलन लागे, जलती कली पीया से मिलन लागे!!



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