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Mrudul Shukla

Abstract

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Mrudul Shukla

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पहली बारिश

पहली बारिश

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पहली बारिश हुई और दिल ने बगावत कर दी

पुरानी वो हसीन यॉदे फिर से  ताजा कर दी,        

आंखो ने आंखो से इशारो मे जो की थी बाते   

आज इस दिल ने फिर बया कर दी

…... पहली बारिश हुई और दिल ने. 


सुनहरी  वह पल फिर याद करा दी             

चुप रह कर भी धडकते दिल ने जो की थी बाते

वो हसीन बाते दिल ने आज फिर से छेड दी

पुरानी वह सुरीली सरगम दिल ने फिरसे सुना दी

….,, पहली बारिश हुई और दिल ने.


मृदुल दिल ने तुमसे जो किये थे कई वादे          

वही  फिर से दुबारा कर बैठा,                   

आज फिर तूमसे मुहब्बत कर बैठा,               

 दिलने आज फिर से वही मौसम ताजा कर दी

 …... पहली बारिश हुई और दिल ने.     


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