Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

गुलशन खम्हारी प्रद्युम्न

Abstract Inspirational

3  

गुलशन खम्हारी प्रद्युम्न

Abstract Inspirational

गीत.....सवैया तर्ज

गीत.....सवैया तर्ज

1 min
164


देश हितैषी सर्व समाहित, पावन चंदन होत सखी री ।

उर्वर होती मानस मनसा, कर्म धरा को जोत सखी री ।।

देश हितैषी सर्व....


जब-जब जीवन कल्पित होती, संचय दुख का होना होती ।

डरकर नैया पार न होती, वन में सिय को रोना होती ।।

मन को मन से हर्षित करके, दुख को सुख से धोना होती ।

खिलती कलियां यह भी कहती, कांटे बनकर चुभना होती ।।

सुख में जीवन सबको जीना, सुख ही अब सुहौत सखी री....

देश हितैषी सर्व....


व्याकुल कैसे जीवन यह तो, सकुचे मन अकुलाए रही

है।

भव सागर से पार करा कर, हमको नित ही बुलाए रही है ।।

सुंदर-सुंदर सर्जन से कर, लेखन भी मनुहार सखी री...

मिल जुल कर सब साथ रहें तो, पावन‌ यह संसार सखी री...

 देश हितैषी सर्व....



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract