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किस ओर चली गयी मानव प्रवृत्ति, सुखमय जीवन से विलासी निवृत्ति। किस ओर चली गयी मानव प्रवृत्ति, सुखमय जीवन से विलासी निवृत्ति।
माता पिता हमारे भगवन प्रातः उठ करें उन्हें नमन । माता पिता हमारे भगवन प्रातः उठ करें उन्हें नमन ।
जो काला और गन्दा सपना मन की परती जमीन पर, किसी जंगली पेड़ की तरह सर ऊँचा कर खड़ा ह जो काला और गन्दा सपना मन की परती जमीन पर, किसी जंगली पेड़ की तरह सर ऊ...
आओ हम भी करें दोस्ती आओ हम भी करें दोस्ती
पैसा नहीं था एक जेब में, पर्स तो घर पर ही गया था मैं भूल। रिपेयरिंग का भुगतान हो कैसे? उधार करने ... पैसा नहीं था एक जेब में, पर्स तो घर पर ही गया था मैं भूल। रिपेयरिंग का भुगतान...