प्यार भरी बात करें। प्यार भरी बात करें।
किस ओर चली गयी मानव प्रवृत्ति, सुखमय जीवन से विलासी निवृत्ति। किस ओर चली गयी मानव प्रवृत्ति, सुखमय जीवन से विलासी निवृत्ति।
बेलगाम, बेपरवाह अलमस्त, सिरफिरी सी मैं, अपने ही उठाये सवालों के जवाब ढूंढती मैं, बेलगाम, बेपरवाह अलमस्त, सिरफिरी सी मैं, अपने ही उठाये सवालों के जवाब ...
तुम्हें हर वो जगह दिखाऊँगी तुम्हें हर वो जगह दिखाऊँगी
अलग हुए गण और तंत्र को एक साथ जोड़ जाते हैं। अलग हुए गण और तंत्र को एक साथ जोड़ जाते हैं।