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Krishna Khatri

Drama

3  

Krishna Khatri

Drama

साल मुबारक !

साल मुबारक !

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मैं तो चला

तुम सबको छोड़कर

पूरा साल गुज़ारा

तुम सबके साथ 

बहुत लिया 

बहुत दिया 


फिर भी जैसे बाकी है अभी -

बहुत कुछ लेना-देना

जब मैं आया तो

बिछड़ना पड़ा अपने छोटे से

मेरे आते ही चल पड़ा था वो 


जाने कौन-सी डगर पे 

रह गया था केवल -

याद बनकर !

लेकिन

मैं कितना खुश था 

मेरे तो

पैर नहीं पड़ रहे थे ज़मीन पर 


कि सारा वक्त गुजर गया 

आकर दस्तक दे दी 

बीस से दिल पर मेरे 

आज तो

आ गया घर पर ही

आते ही बोला - 


सुन छोटे

आ गया हूं मैं 

तेरे जाने की 

और

मेरे आने की 

चल रही है तैयारियां

बड़े जोरों - शोरों से

कह रहे इक-दूजे से -

हॅप्पी न्यू ईयर !


नया साल मुबारक !

देख ना कितनी बेसब्री से

कर रहे हैं इंतजार मेरा

चल ब्रदर

चल तू घर अपने !


जो तूने जिया

मुझे भी जी लेने दे !

अलविदा भाई मेरे !

बाय-बाय ब्रदर !


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