Krishna Khatri
Inspirational
तुम क्यों इस तरह से
यूं उदास चेहरा लिए
बैठो हो चुपचाप ?
उठो, जिंदगी दे रही है
आवाज़ तुम को
फिर यह …..
मौका न मिलेगा दोबारा
इसे गँवाने की
हिमाकत न करो
सीने से लगा लो
बाहों में भर लो इसको
जी भर के जी लो !
यही इल्तिजा ह...
जब तक मीठा न ...
फितरत !
जी भर के जी ल...
जी लेंगे हम द...
आंखों ने देखा...
खलिश !
अश्रु मेरे .....
मां तुम अमृता...
ये कविता पिता और परिवार के रिश्तों का आयना है । ये कविता पिता और परिवार के रिश्तों का आयना है ।
चन्दा सोहे शीश पर , काम नशावन हार । मोह निशा का नाश कर , ज्ञान दिवस दातार।। चन्दा सोहे शीश पर , काम नशावन हार । मोह निशा का नाश कर , ज्ञान दिवस दातार।।
मैंने विरासत में करोड़ो पाने वालो को, छिपने में सुकून महसूस करते देखा है| मैंने देखा है, मैंने विरासत में करोड़ो पाने वालो को, छिपने में सुकून महसूस करते देखा है| मैंने द...
ताज के आम हीरो ' (Based on the events of 26/11) ताज के आम हीरो ' (Based on the events of 26/11)
तुम फिर प्रयास करो यशवंती अपना भुजबल आजमाओ तुम। तुम फिर प्रयास करो यशवंती अपना भुजबल आजमाओ तुम।
रोम रोम को झंकृत कर देने की शक्ति समाहित किये हुऐ आपके प्रिय कवि विद्रोही का श्रृंगार और करुण रस का ... रोम रोम को झंकृत कर देने की शक्ति समाहित किये हुऐ आपके प्रिय कवि विद्रोही का श्र...
मैंने कहा- "तुम स्त्री जात हो इसीलिए भावनाओं की गंगा में बहती रहती हो मैंने कहा- "तुम स्त्री जात हो इसीलिए भावनाओं की गंगा में बहती रहती हो
इस श्रृंगार में चार चांँद लगाता है उद्यान सुंदरवन सदाबहार। इस श्रृंगार में चार चांँद लगाता है उद्यान सुंदरवन सदाबहार।
जीवन क्या,बस साँसों का सौदा , ता-उम्र यहाँ बस भरनी किस्त ।। जीवन क्या,बस साँसों का सौदा , ता-उम्र यहाँ बस भरनी किस्त ।।
हौसलों की उड़ान में, इरादों को मकसद बनाकर तो देखो; प्रगति पथ पर तुम, हिम्मत से कदम उठाकर तो देखो... हौसलों की उड़ान में, इरादों को मकसद बनाकर तो देखो; प्रगति पथ पर तुम, हिम्मत से क...
हर चेहरे की अपनी पहचान, हर शख्स की अलग है शान। हर चेहरे की अपनी पहचान, हर शख्स की अलग है शान।
, आज़ाद सही मायनों में और फिर से मनाययेगें उत्सव स्वतंत्रता का। , आज़ाद सही मायनों में और फिर से मनाययेगें उत्सव स्वतंत्रता का।
मैं भी खुद से विमुख खुद की जड़ें ढूँढने लगती हूँ ...।। मैं भी खुद से विमुख खुद की जड़ें ढूँढने लगती हूँ ...।।
हो भाग्यहीन तुम, नहीं जन्मीं कन्या तुमने, कन्यादान है महादान। हो भाग्यहीन तुम, नहीं जन्मीं कन्या तुमने, कन्यादान है महादान।
ये कविता उन सब लोगों को समर्पित है जो अपंग होते भी ज़िन्दगी से हार नहीं मानते, डटे रहते हैं, ज़िन्दगी... ये कविता उन सब लोगों को समर्पित है जो अपंग होते भी ज़िन्दगी से हार नहीं मानते, ड...
एक संभावनाओं की दुर्घटना अधिक लगता है, और मन में अनायास अवांछित होने का भाव जगता है एक संभावनाओं की दुर्घटना अधिक लगता है, और मन में अनायास अवांछित होने का भाव ज...
भक्ति में प्रभु रंग में रंग जाना प्यार है राम नाम से जिंदगी का सार पाना प्यार है। भक्ति में प्रभु रंग में रंग जाना प्यार है राम नाम से जिंदगी का सार पाना प्यार ...
हम मनोहर दूरवर्ती, कार्यक्रम चलाएं। अपने सभी बच्चों का,हम सब ग्रुप बनाएं। हम मनोहर दूरवर्ती, कार्यक्रम चलाएं। अपने सभी बच्चों का,हम सब ग्रुप बनाएं।
नव स्फूर्ति के साथ नवाचार हो नये वर्ष में हर्ष का विस्तार हो. नव स्फूर्ति के साथ नवाचार हो नये वर्ष में हर्ष का विस्तार हो.
छत की सरजमी भी बड़ी प्यारी है जनाब, दिखाती है नजरों को दिन में ख्वाब। छत की सरजमी भी बड़ी प्यारी है जनाब, दिखाती है नजरों को दिन में ख्वाब।