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Krishna Khatri

Romance

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Krishna Khatri

Romance

आंखों ने देखा !

आंखों ने देखा !

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आंखों ने देखा 

दिल ने चाहा 

मन बुनने लगा सपने

ये मौसम भी लगा 

खुद-ब-खुद बदलने 

ऐसे में बहती हवा भी

लगी महकने

लहराते बादल

उतरने लगे आंगन में मेरे 

झूम उठी मैं !


    


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