बदलाव
बदलाव
सब बदलाव चाहते हैं
बदलाव की बड़ी-बड़ी बातें करते हैं
कोई बदलाव करता नहीं खुद में
सिर्फ दूसरों से बदलने की अपेक्षा रखते हैं।
यह अपेक्षाएं तो भारी पड़ती हैं
इंसान की मानसिक स्थिति पर।
समझ नहीं आता क्यों हम अक्सर
अपने चरित्र का आंकलन करने के बजाय
दूसरों के चरित्र का आंकलन करने में
अपना कीमती समय व्यतीत करते हैं।
माना वो दूसरा व्यक्ति सर्वगुण सम्पन्न नहीं
एक बार खुद को टटोल कर देखो
क्या आपमें कोई कमी नहीं?