राग और लय को पहचानते नहीं, उतार -चढ़ाव को हम जानते नहीं राग और लय को पहचानते नहीं, उतार -चढ़ाव को हम जानते नहीं
सब बदलाव चाहते हैं बदलाव की बड़ी-बड़ी बातें करते हैं. सब बदलाव चाहते हैं बदलाव की बड़ी-बड़ी बातें करते हैं.
मैं बर्फ बनकर जमी रही वह पानी बनकर बहता रहा मैं बर्फ बनकर जमी रही वह पानी बनकर बहता रहा
इतनी सुगंधित कैसे, तुझे गुनगुनाना होगा। आज तुझे बताना होगा।। इतनी सुगंधित कैसे, तुझे गुनगुनाना होगा। आज तुझे बताना होगा।।