STORYMIRROR

Soniya Jadhav

Tragedy

4  

Soniya Jadhav

Tragedy

लड़कियाँ

लड़कियाँ

1 min
177

अक्सर मेरे वस्त्रों की लंबाई से,

आंक लेते हो मेरे चरित्र की ऊंचाई।

नुक्कड़ से गुज़रती हर लड़की का,

नुक्कड़ पर ही बैठे चंद आवारा लड़के,

नोचते हैं आँखों से रोज़ शरीर उसका।

गन्दी फब्तियों से तोड़ते हैं आत्मविश्वास उसका,

फिर भी वो किताबों का बस्ता लेकर,

खुद को दुपट्टे के नीचे छिपाती,

करती है साहस स्कूल में पढ़ने का।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy