बूंद
बूंद
शबनम की इक बूंद ने
रात भर खुद को महफूज़ रखा
सूरज की किरणों ने दो पल में
उसका वजूद हटा दिया
जिंदगी में भी हम बहुत कुछ
संभाल कर रखते जाते हैं
पर बूंद की तरह हम भी
इक दिन मिट ही जाते हैं।
शबनम की इक बूंद ने
रात भर खुद को महफूज़ रखा
सूरज की किरणों ने दो पल में
उसका वजूद हटा दिया
जिंदगी में भी हम बहुत कुछ
संभाल कर रखते जाते हैं
पर बूंद की तरह हम भी
इक दिन मिट ही जाते हैं।