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Bhawna Kukreti Pandey

Abstract

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Bhawna Kukreti Pandey

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उज्जड लड़के

उज्जड लड़के

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कुछ उज्जड लड़के

बड़े ही ढीठ होते हैं

गलबहियां डाल चलते हैं

बहसते सबकी कुशल बांच लेते हैं

भाभियों को रोक टोक देते हैं 

फिजूल झगड़े रोक लेते हैं।

कुछ उज्जड लड़के

बड़े ही ढीठ होते हैं।

यूँ दिखते बड़े दबंग हैं 

लेकिन मरियल माई से डरते हैं

रोज सुबह मंदिर में धूप दीप करते हैं

रात में सो जाओ प्रभु कहते हैं

कुछ उज्जड लड़के

बड़े ही ढीठ होते है।

कहीं पड़ोस बेटी की बिदाई

छिप कर आंख अपनी रो लेते हैं

वक्त बेवक्त उसकी हर खबर रखते हैं

खटके पे मिलने चल पड़ते हैं।

कुछ उज्जड लड़के

बड़े ही ढीठ होते हैं।


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