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Bhawna Kukreti Pandey

Abstract

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Bhawna Kukreti Pandey

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हैसियत

हैसियत

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कोई 

हंसते हुए

गिला कर रहा था

किसी हमराह से

कि यार हम 

शायद

बुखार ही थे..

उतर गए।

सुनकर

धक्का सा लगा

हाल कुछ

अपना सा लगा।

होता है न

कभी कभी

ये उटपटांग सी

टपोरी लगने वाली 

गैर बातें 

जता जाती हैं

अपनी भी

हैसियत

किसी खास की 

नजर में।



સામગ્રીને રેટ આપો
લોગિન

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