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Jain Sahab

Abstract

4.5  

Jain Sahab

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चेहरा

चेहरा

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188


ये जो दुनिया में चेहरे हैं,

न जाने इनपे कितने पहरे हैं,

राज इनके पीछे छिपे जीवन से भी गहरे हैं।


कुछ चमक रहे रोशनी में, कुछ गहरे अँधेरे में हैं,

हर एक की अपनी विशेषता पर फिर भी सभी चेहरे हैं।


कुछ के पीछे छिपे भूतकाल के राज, कुछ के भविष्य सुनहरे हैं,

 ये जो दुनिया में चेहरे हैं, किस्से इनके जीवन से भी गहरे हैं।


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