हो सके तो माफ़ कर देना मुझे
हो सके तो माफ़ कर देना मुझे
हो सके तो माफ़ कर देना
मुझे के तुम्हें...रुलाया बहुत है
सफ़र में उल्फत के लड़खड़ाई उमीदें
हौंसलों को ख़ामोशी से बुलाया बहुत है
कोशिशें बहने की , जो दरिया बन के
मौजों ने मुझे ... बहकाया बहुत है
किनारे पे खड़े हो कर भी ऐ दिल
ज़िंदगी ने ज़िंदगी को ..डूबाया बहुत है
हो सके तो माफ़ कर देना मुझे
के तुम्हें रुलाया बहुत है।

