STORYMIRROR

Divine Poet

Drama Romance Tragedy

4  

Divine Poet

Drama Romance Tragedy

हो सके तो माफ़ कर देना मुझे

हो सके तो माफ़ कर देना मुझे

1 min
515

हो सके तो माफ़ कर देना

मुझे के तुम्हें...रुलाया बहुत है 


सफ़र में उल्फत के लड़खड़ाई उमीदें 

हौंसलों को ख़ामोशी से बुलाया बहुत है 


कोशिशें बहने की , जो दरिया बन के 

मौजों ने मुझे ... बहकाया बहुत है 


किनारे पे खड़े हो कर भी ऐ दिल 

ज़िंदगी ने ज़िंदगी को ..डूबाया बहुत है 


हो सके तो माफ़ कर देना मुझे 

के तुम्हें रुलाया बहुत है।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama