यादों वाली मुलाक़ात
यादों वाली मुलाक़ात
किसी पल पे ऐ दिल
कुछ ऐसी बात हो जाए
तन्हाइयों में ,फिर वो ही
यादों वाली मुलाक़ात हो जाए
ख़ामोशी ना शोर करे
ना दर्द झूम उठे दर्मयां
एक लम्हे का दिन हो लेकिन
सदियों जैसी रात हो जाए
और मिले हम -तुम ऐसे कि
ज़िंदगी सौग़ात हो जाए
किसी पल पे ऐ दिल
कुछ ऐसी बात हो जाए
हो बाहों के घेरे में हसरत
और धड़कनें तेज हो जाए
अंगड़ाई ले रंगहीन मोहब्बत
साँसें रंगरेज़ हो जाए
पिघल जाए हर गिले शिकवे
दूरियाँ परहेज़ हो जाए
ये जो काटें है चुभती बेशर्म
फूलों की सेज हो जाए
और चाँद -तारे हो गवाह
कुछ ऐसे हालात हो जाए
तनहाइयों में फिर वही
यादों वाली मुलाक़ात हो जाए ।