तुम्हारी दिल की धड़कनों को भी गौर से सुनो क्या कहता है तुमसे मिलकर बिछड़ना, फिर मिलना तुम्हारी दिल की धड़कनों को भी गौर से सुनो क्या कहता है तुमसे मिलकर बिछड़ना, फिर...
जैसे रात न बीती मेरी न दिन गुज़रा ढंग से ख़ुशियों को जैसे फ़ीका पड़ता देखा जैसे रात न बीती मेरी न दिन गुज़रा ढंग से ख़ुशियों को जैसे फ़ीका पड़ता देख...
नफ़रत से ही सही पर बात करो नफ़रत से ही सही पर बात करो
फिर भी मुझे उससे प्यार है कि अब वो खुश है। फिर भी मुझे उससे प्यार है कि अब वो खुश है।
आँखों में काजल की तरह मैं समा लू तुझे। आँखों में काजल की तरह मैं समा लू तुझे।
दूरियाँ बढ़ाई है। दूरियाँ बढ़ाई है।