ना हिन्दू,ना मुसलमान मरता है जब भी मरता है, इन्सान मरता है ना हिन्दू,ना मुसलमान मरता है जब भी मरता है, इन्सान मरता है
बहा दीवारों से तो नियामत बदल दी उनकी। बहा दीवारों से तो नियामत बदल दी उनकी।
आँखों में काजल की तरह मैं समा लू तुझे। आँखों में काजल की तरह मैं समा लू तुझे।
जो बीत गया वो कल था, जो आज है वही सब है धूल जो मुझ पर चढ़ी थी उसे मिटा लेने को जो बीत गया वो कल था, जो आज है वही सब है धूल जो मुझ पर चढ़ी थी उसे मिटा लेन...
मैंने दिल में लाखों हसरतें और और आँखों में कई खाबलिखा है मैंने दिल में लाखों हसरतें और और आँखों में कई खाबलिखा है
मिलना उसका सुकूँ देने लगा बिछुड़ना उसका एक ग़म हालात कुछ यूँ थे दोस्तों खुदगर्ज़ हो गए थे हम मिलना उसका सुकूँ देने लगा बिछुड़ना उसका एक ग़म हालात कुछ यूँ थे दोस्तों खुदगर्ज़...