Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

शायर देव मेहरानियां

Tragedy

4  

शायर देव मेहरानियां

Tragedy

ना हिन्दू मरता है ,ना मुसलमान

ना हिन्दू मरता है ,ना मुसलमान

1 min
195


ना हिन्दू,ना मुसलमान मरता है 

जब भी मरता है, इन्सान मरता है 

दिल दहला देती हैं, तेरी ये नापाक हसरतें 

कत्ल इंसानियत का तू ,सरेआम ,करता है 

देखकर, 'जहाँ ए मंजर'लहू का ,

वो परवर दीगार ,भी बहुत डरता है 

सुला के मौत के आगोश में, अपनो को ही 

चेन-सुकून की, तू आहें भरता है 

सोच ,तुझे क्या हासिल होगा 

अनीति की ,राह पे, क्यों कदम धरता है 

कुछ तो शरम-हया ,कर ऐ बेदर्द !

लेके ,कुर्बानियाँ, तू अन्जान बनता है 

तू भी तो नेक बन्दा है ,उस परवर दीगार का

फिर क्यों हैवानियत का ,ये नाच नचता है 

ऐ ! मेरे मौला ,रहमत दे इन्हें

फरियाद ये 'देव' सुबह-शाम करता है!


Rate this content
Log in