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शायर देव मेहरानियां

Inspirational

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शायर देव मेहरानियां

Inspirational

गीत_ बालिका-शिक्षा

गीत_ बालिका-शिक्षा

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सह लई बहुत ज्यादती माँ, मुझको विद्यालय जाना है।

कब तक रोऊँ चुपके-चुपके, ना आँसू और बहाना है।। 


सुबह सवेरे जल्दी उठकर, काम में हाथ बटाऊँगी।

जो भी दे खाने को मुझको, रूखा सूखा खाऊँगी।

ना तुझको कभी सताऊँगी, प्रण करके आज निभाना है।

सह लई बहुत ज्यादती माँ, मुझको विद्यालय जाना है।। 


मर्यादा भी भूलूँ ना, कभी दूध ना तेरा लजाऊँगी।

नाज़ करेगी इस बेटी पर, नाम तेरा कर जाऊँगी।।

झोली तेरी भार जाऊँगी, फ़ूलों का बाग लगाना है।

सह लई बहुत ज्यादती माँ, मुझको विद्यालय जाना है।। 


दम तोड़ ना दें अरमाँ ये हसी, फ़रियाद मेरी अब सुन लेना।

जिगर के टुकड़े की राहों के कांटे भी तू चुन लेना।

माला ऐसी फिर बुन लेना, ममता के फूल पिरोना है।

सह लई बहुत ज्यादती माँ, मुझको विद्यालय जाना है।। 


कहे ज़माना मुझको अबला, कैसे ये सह पाऊँ मैं।

आँच अगर अस्मत पर आए, रण-चंडी बन जाऊँ मैं।।

दुष्टों को काट भगाऊँ मैं, फिर खून से तिलक सजाना है।

सह लई बहुत ज्यादती माँ, मुझको विद्यालय जाना है।। 


सह लई बहुत ज्यादती माँ, मुझको विद्यालय जाना है।

कब तक रोऊँ चुपके-चुपके, ना आँसू और बहाना है ।।



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