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शायर देव मेहरानियां

Romance

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शायर देव मेहरानियां

Romance

अब याद ना आये तेरी

अब याद ना आये तेरी

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इक यही दुआ है मेरी  

अब याद ना आये तेरी

छोड़ के मुझको जाओगी

बैठे बैठे अश्क बहाओगी


दिल को कैसे समझाओगी

 ये एक सुने ना तेरी

 इक यही दुआ ह मेरी

सोने को तो सो जाओगी


ख्वाबों में मुझको पाओगी 

बिन मेरे क्या रह पाओगी

 कैसे रात कटेगी तेरी

 इक यही दुआ है मेरी

याद मेरी जबजब आयेगी

तन्हाई जो तड़फायेगी

आँखों,में आंसू लायेगी

मिलने में लगेगी देरी

 इक यही दुआ है मेरी


ना कोई गिला ,शिकयता ना उनसे  

अब क्या बात करें हम उनसे 

किस्मत मेरी ही रूठी मुझसे 

चाहत, क्यों करी थी तेरी

इक यही दुआ है मेरी

अब याद ना आये तेरी।


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