ख़ुद से संगति कर लो
ख़ुद से संगति कर लो
मन के सारे मैल धो लो,
उत्साह से दोस्ती कर लो,
ख़ुद से संगति कर लो,
ख़ुदी ज़रूरत को समझ लो !
मुस्कान के ख़ूब मज़े लो,
हर होंठों को हंसी दो,
जहां को ज़मी खुशियां दो,
ख़ुशियों के खूबियों का मज़ा लो !
ख़ुद से संगति कर लो,
ख़ुदी ज़रूरत को समझ लो !
ख़ुद में बचपना उभार लो,
बानगी यह जहां में बांट दो,
औरों की ऊंची कद से मत जलो,
उस समान आने को ख़ुद चलो !
ख़ुद से संगति कर लो,
ख़ुदी ज़रूरत को समझ लो !
विश्वास की गांठ बांध लो,
ज्वाला से जलो, लेकिन चलो,
चलो की साथ ज़माना चले,
ये पेड़ पौधे भी साथ तेरे चले !
ख़ुद की ज़रूरत को समझ लो,
ख़ुद से संगति कर लो !