सूत्रधार नेताजी
सूत्रधार नेताजी
"जब शहर की हर उलझन का सूत्रधार एक ही हो — तो सोचिए, हल कहाँ मिलेगा?"
🔁 Tag कीजिए अपने शहर के 'नेताजी' को!
सूत्रधार नेताजी
मेरे शहर की हर अजीबो-गरीब कहानी,
शुरू भी वहीं से होती है — जहाँ नेताजी की जुबां मचाती रवानी।
बिजली गई — तो "साजिश" है,
पानी रुका — "विकास की आदत" है।
सड़कें टूटी — "आने वाले प्रोजेक्ट की निशानी",
और ट्रैफिक जाम? — "प्रगति की एक नयी कहानी!"
नौकरी नहीं? — "संघर्ष करना सीखो",
महंगाई बढ़ी? — "देश बदल रहा है", देखो!
हर संकट में वो दिखते वीर,
जैसे गलती नहीं, इनका हो प्रचार का तीर।
कभी वादों का झोला लहराते हैं,
कभी भाषणों से जादू चलाते हैं।
हर सुबह नया नाटक, हर शाम एक तुकबंदी,
इनकी बातों में छुपी है सियासत की चतुर मंदी।
नेता नहीं, जैसे माया के जादूगर हैं,
जो भी कहें — लगता है, बस वही उत्तर हैं।
जनता पूछे — "कब कुछ सही करोगे?"
वो मुस्काएं — "जब वोट सही करोगे!"
और हम...?
हर बार उसी तमाशे में खो जाते हैं,
फिर से वही पोस्टर, वही वादे — और फिर से चुन आते हैं...
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