मन को सोने का भंडार बनाओ
मन को सोने का भंडार बनाओ
🎉"मन को सोने का भंडार बनाओ"💥
मन को सोने का भंडार बनाओ,
नफ़रत को त्याग, प्रेम अपनाओ।
हर क्षण में नई सुबह संजोओ,
अंधेरे में भी दीपक बन जाओ।
विचारों को अमूल्य रत्न बनाओ,
हर भाव में ईश्वर की झलक पाओ।
छोटे मन से कोई बड़ा नहीं होता,
विस्तृत सोच से ही जीवन संवरता।
जो भीतर से टूटता नहीं, वही सच्चा धनवान है,
जिसका मन शांत है, वही सबसे महान है।
धन दौलत क्षणिक है, अहंकार विनाशकारी,
पर मन की सच्चाई, स्थायी और उन्नति की अधिकारी।
हर insult को सीख में बदलो,
हर हार को नई जीत से सजाओ।
बाहरी दुनिया जैसा भी व्यवहार करे,
तुम अपने अंदर प्रकाश जलाओ।
क्योंकि अंत में यही काम आता है —
न तो गहने, न शान, न महलों का दंभ।
बस वो मन, जो शांत, निर्मल,
और सोने सा दमकता है।
मन को सोने का भंडार बनाओ,
और खुद को सबसे कीमती उपहार दो।
🪔 भावनात्मक व्याख्या:
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जब हम कहते हैं “मन को सोने का भंडार बनाओ”,
इसका अर्थ केवल सकारात्मक सोच नहीं, बल्कि मानवता, करुणा, आत्मबल और विवेक से मन को सजाना भी होता है।
बाहर की संपत्ति लूटी जा सकती है, मगर भीतर का खजाना – धैर्य, सहनशीलता, प्रेम और ज्ञान – कोई छीन नहीं सकता।
यह एक साधना है, एक जीवनशैली है। आप जैसे-जैसे अपने मन को परिष्कृत करते हैं, वैसे-वैसे जीवन में स्थिरता और सुख स्वतः बढ़ता है।
🧠✨ "मन को सोने का भंडार बनाओ"
💬
क्योंकि असली अमीरी बाहर नहीं, मन के भीतर होती है।
🌼 जितना अधिक आप अपने विचारों को सुंदर बनाएंगे, उतना ही जीवन आसान और शांतिपूर्ण लगेगा।
🪔 आइए आज से हर दिन एक नया सोने जैसा विचार मन में रखें –
✔ क्षमा करें
✔ समझें
✔ प्रेम करें
✔ और आगे बढ़ें।
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– क्या आप भी अपने मन को सोने जैसा बना रहे हैं?
