होता वही इंसान
होता वही इंसान
जीवन जीने सबके,अपने अलग अंदाज है,
कोई खुल के जिए,तो कोई रखता राज है,
सभी नगमों से दिल के कोरे कागज भरे,
बिसूरत चेहरे पे कोई खुशी के ऑंसू जडे,
बीते राज के जख्म को कोई न पढ सके,
वही इन्सां, जो उल्टे को सीधा कर सके।1।
नदी की धार साथ भीड कयामत जाती है,
जीना मायने उल्टा तैरना,जो मीन बताती है,
भीड में छोडे निशां वो,साहस की मिसाल बने,
शिखर पे सवारी कर,हर जुबां की दास्तान बने
नया सोच रचता वही जो मशाल बन आगे बढे,
जो न हो सका,उस खोज के रीत में इबारत गढे।2।