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Om Prakash Gupta

Inspirational Others

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Om Prakash Gupta

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हिंदी है मेरी पहचान

हिंदी है मेरी पहचान

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राष्ट्र प्रेम के पावन प्रण में, हो सकती

हिन्दी, हर भारतवासी का अभिमान।

अविरल सरितायें कल कल बोली से,

बहती धारा में, छेड़े मनहर मधुर तान।१।


      रंग बिरंगे पुष्पों पे भौंरे भक्ति भाव से

      गूंजे, लगते ज्यों हिंदी में गाते राष्ट्रगान।

      यों अंचल भाषाओं की माला में हिन्दी,

      सहिदानी मणि सा, भाती रहे अविराम।२।

      

 हिंदी भाषा की व्यापक शाश्वतता पर,

 श्रीकृष्ण की भक्ति में डूबा है रसखान।

 एंड्रूज के दीनबंधुता ने चरखाधारी को,

 भारतमाता के मोहन सा दिया सम्मान।३।

 

      ज्ञानपीठ के अभिसिंचन संवर्द्धन पर

      ही, नित हिन्दी गढ़ सकेगी कीर्तिमान ।

      गर सच्चाई से समृद्ध करें, तों ये भाषा,

      बन सकती है फिर से सबका अवदान।४।   

               

हिंदी पहले पहचान बनी थी हम सबकी,

आया जो अवधी अंचल का मानस गान।

राज से राष्ट्रभाषा कह भूषित गर कर दें,

औ दृढ़ता से कहेंगे, हिंदी है मेरी पहचान।५।



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