बसंत ऋतु
बसंत ऋतु
आओ देखो मित्रों मौसम वसन्त आया ।
शीतकाल बीता बस दिग दिगंत छाया।।
कोयल की कुहू कुहू चहुँ ओर गूंजती है,
खुशियों की माला में कुछ पुष्प गूंथती है।
आया सुहाना मौसम खुशियां अनंत लाया ।।
आओ देखो मित्रों मौसम वसन्त आया ।। 1
वृक्षों पे नए पत्ते आज निकल आये।
बगिया में प्रभु ने फल नए खिलाये
कल कल है बहती नदियां नए अनुबन्ध लाया।।
आओ देखो मित्रों मौसम वसन्त आया ।। 2
सुंदरता बसंत की चहुं ओर खुशी है।
चिड़ियों की चहचहाहट देती एक खुशी है।
स्वच्छ आसमान देखो दिगदिगंत छाया।।
आओ देखो मित्रों मौसम वसन्त आया ।। 3
बयार ठंडी ठंडी तरोताजा करती।
उत्साह मन में ये प्रति पल ही भरती।
फसलें लगी पकने उपज वर्षपर्यंत लाया।।
आओ देखो मित्रों मौसम वसन्त आया ।। 4
ऋतुराज बसंत ये यूं ही नहीं कहाता।
खुशियों का इससे सीधा सीधा नाता।
सखियों का प्रिय सखा ऋतुराज बसंत आया।।
आओ देखो मित्रों मौसम वसन्त आया ।।
शीतकाल बीता बस दिग दिगंत छाया।। 5