वीर बलिदानी
वीर बलिदानी
रखवाले मेरे वतन के है कैसी तेरी कहानी।
प्रेम देश से जीवनभर करते उत्कट बलिदानी ।।
है सजग हमेशा प्रहरी ये ,
देश की सीमा रेखा पर ।
सीमा रेखा भारी पड़ती ,
इनकी जीवन रेखा पर ।
सर्वस्व लुटा देते हैं ये प्यारे हिंदुस्तानी ।।
रखवाले मेरे वतन के है कैसी तेरी कहानी।।
घर पर माता-पिता और,
बहन भाई सब छोड़ दिये।
पहन के चोला देशप्रेम का,
जीवन उधर ही मोड़ दिया।
लिख देते इतिहास जीवन की अमिट कहानी।।
रखवाले मेरे वतन के है कैसी तेरी कहानी।।
परिवारी जन सब राह,
देखते रहते अपने बेटे की।
पत्नी की अनवरत प्रतीक्षा,
या किलकारी छोटे बेटे की।
विचलित होते नहीं कभी अपने वीर सेनानी।।
रखवाले मेरे वतन के है कैसी तेरी कहानी।।
आओ सब मिल कर के,
इनका यश गुणगान करें।
इन वीरो के परिवारों का,
भी वीरोचित सम्मान करें।
प्राणों का उत्सर्ग किया करते ये बलिदानी।।
रखवाले मेरे वतन के है कैसी तेरी कहानी।।
प्रेम देश से जीवनभर करते उत्कट बलिदानी ।।
