सम्मान की सूरत निराली हैं
सम्मान की सूरत निराली हैं
संस्कार मेरी मिट्टी की वफ़ादारी हैं,
सम्मान की सूरत भी निराली हैं !
भारत की भाषा ख़ुद पर पहरेदारी हैं,
संस्कृति कभी न टूटने वाली हैं !
बूढ़ो में बसती नई ज़वानी हैं,
यहां हर किसी की अलग कहानी हैं !
सम्मान की सूरत निराली हैं,
संस्कार मेरी मिट्टी की वफ़ादारी हैं !
युवा चेहरे की हंसी कुछ कहने वाली हैं,
कीचड़ में भी कमल खिलने वाली हैं !
ज़वानी ऐसी कुछ कर गुजरने वाली हैं,
यहां हर किसी में जुनून मतवाली हैं !
संस्कार मेरी मिट्टी की वफ़ादारी हैं,
सम्मान की सूरत बड़ी निराली हैं !