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Minakshi Prakash

Inspirational

4  

Minakshi Prakash

Inspirational

प्रेम - पुंज

प्रेम - पुंज

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आपसी प्रेम और विश्वास के संबंधो को,

क्या ,हम सचमुच निभा रहे हैं ?

हम तो प्यार का भी अब सप्ताह मना रहे है l

सात जनम, सात फेरे , सात वचनों को 

अब हम सिर्फ 

सात दिन में ही सलटा रहें,,

क्या , हम सचमुच रिश्तों की गहराई समझ पा रहे है ?

कभी प्रेम शनै: शनै: परवान चढ़ा करता था l

बिन कहे , बिन सुने, अपनों की बाते 

अपनों तक पहुँच जाया करती थी ,

बातें आँखों से बयां हो जाती थी,

रिश्ते अहसासों की कहानी लिखा करते थे,

बदल गया जमाना , बदल गयी सोच भी 

आधुनिक युग में

अब हम प्रेम दिवस मना रहे है l

क्या, प्रेम दिवस ना हो तो 

संबंधो में प्रेम पुंज साबित ना होगा ,

प्रेम कभी प्रमाणित नहीं किया जाता 

ये तो अहसास है 

जिसे साबित भी नहीं किया जाता l 

अब भी समय है ,

संबंधो में प्यार और विश्वास का अहसास जगाइए ,

दिवस के दायरों में ना संबंधो को निभाइए,

अपने और अपनों की पहचान

भावनाओं का ही तो मान है l

प्रेम तो बस इन्ही 

भावनाओं का सम्मान है l



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