टूटी फूटी सड़कें
टूटी फूटी सड़कें
इस शहर में तुम आना संभल के।
क्योंकि यहां की टूटी फूटी सड़कें।
कहीं गिरा ना दे तुमको पकड़ के।
इसीलिए मेरे दोस्तों जहां भी हो टूटी फूटी सड़कें, वहां जाना तुम संभल के।
नहीं तो कोई गड्ढा , पानी भरा गड्ढा पानी भरी सड़क,कोई टूटा पत्थर का टुकड़ा,
कहीं तुमको गिरा ना दे फिसला के,
क्योंकि गिरते ही सड़क पर जो टूटे पत्थर लग जाते हैं।
साथ में चोट भी लग जाती है।
कपड़े भी बिगड़ जाते हैं।
और देखने वाले भी हंसने लग जाते हैं।
इसी लिए ए मेरे दोस्तों संभल कर चलो।
रास्ते टेढ़े मेढ़े टूटे-फूटे होते रहते हैं। जिनमें फिसलन भी बहुत होती है। मगर संभल कर चलेंगे तो वहां से भी हम सीधे निकल जाएंगे ।
टूटी फूटी सड़कें और रास्ते हमारा कुछ बिगड़ ना पाएंगे।
नहीं तो सावधानी हटी और दुर्घटना घटी यह स्थिति हर परिवेश में सच हो जाएगी।
जिंदगी हो या सड़कें सावधानीपूर्वक चलो।
और अपनी मंजिल पाओ।
