गज़ल
गज़ल
1 min
133
याद तुम्हारी म मुझको आ गया,
प्यार अब मुझको निभाना आ गया।
बात लब पर यार तेरे ही रहे,
यार मुझको दिल लगाना आ गया।
याद में मैं आज कल दिन रात हूं,
आपके दर मैं दिवाना आ गया।
सामने तुम ही रहा करती सदा,
आज वो लब पर फ़साना आ गया।
प्यार तेरा जो मिला मन दृढ़ हुआ,
अब मुझे भी जग झुकाना आ गया।
गम सभी के ले चलूं मैं साथ में,
अब मुझे भी दिल मिलाना आ गया।
रख कला सब मैं चला हूं राह में,
विघ्न सब को अब डराना आ गया।
जिंदगी यह देन है प्रभु का दया,
रब मुझे भी अब रिझाना आ गया।
वक्त से चल कर सिखा सब मैं यहां,
साथ में संदीप गाना आ गया।।