आजादी के किस्से भाग (3)
आजादी के किस्से भाग (3)
क्या -क्या याद दिलाना होगा?सोये सिंहों को आज जगाना होगा ।
आत्मनिर्भरता को ही जीवन का नव हथियार बनाना होगा ।
उठो धरा के वीर जवानो ,अब तो नयी हुंकार लगानी है ।
सीमा पर खड़ा चीन जो,उसको अपनी औकात दिखानी है ।
संतोष ही मूल मंत्र है जीवन का, यह घर घर अलख जगानी है ।
का चुप साध रहा बलवाना, पवन पुत्र को याद दिलानी है ।
चलो आज फिर स्वदेश मे, रामराज्य का स्वप्न साकार कराना है।
पूर्वजों के पद चिन्हों पर चलकर , फिर से स्वदेशी अपनाना है।
फिर से सत्य अहिंसा को ढाल बनाकर जंग को जीत जाना है।
सम्राट भरत की संस्कृति पर चल, भारत को विश्व गुरू बनाना है ।