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Shalini Dikshit

Inspirational

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Shalini Dikshit

Inspirational

एक प्रश्न

एक प्रश्न

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परेशान होती हूँ

किसी की भी

परेशानी पर।


परेशान होती हूँ 

किसी भी सैनिक की,

 वीरगति पर।


परेशान होती हूँ

सुशांत की असमय,

 मृत्यु पर।


परेशान होती हूँ

रेल की पटरियों पर,

 बिखरे शव पर।


परेशान होती हूँ

मीलों पैदल चलते,

 मजदूरों के कष्ट पर।


परेशान होती हूँ

हथिनी के बच्चे की

बेबस मृत्यु पर।


हर बार परेशान होती हूँ

उन माताओं के 

कष्ट पर।


 इस सोच में हूँ

क्या मुझ में अब 

सिर्फ एक माँ ही रहती है ?


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