उजाला हो जाये
उजाला हो जाये
कभी हमारे भी घर आइये अंधेरों मे उजाला हो जाये
आपके रूप की चाँदनी मे अंधेरों का मुंह काला हो जाये
फैला है हर तरफ कोरोना हम आए तो आए कैसे
कैसे निकलु बच के कही कोरोना निवाला हो जाये
सारे दावे सबके धरे के धरे रह गए वो बढ़ता ही गया
ऐसा न हो वो लड़ते रहे और उसका बोलबाला हो जाये
बड़ा गुमान था उसको अपनी चाल औ पैंतरा बाजी पर
बंद हो गये सारे एप औ धंधा उसका दिवाला हो जाये
कहता कुछ और करता कुछ और बड़ा चालाक है वो
कब्जा करता गैरो जमीन खुद देश निकाला हो जाये
चाल तेरी चलेगी नहीं घिर चुका तू अपने पड़ोसियो से
तू आजा अब हिन्द की पनाह भारत रखवाला हो जाये।