जिंदगी नहीं डरता मैं तुझसे
जिंदगी नहीं डरता मैं तुझसे
जिंदगी नहीं डरता मैं तुझसे
चाहे लाख तू दर्द या पीड़ा दे
खुशियां क्यों न अधूरा दे
अपने पराए हुए तो क्या हुआ
कुछ और भी लोग हैं
जो प्यार करते हैं मुझसे
जिंदगी नहीं डरता मैं तुझसे।
कटीली रास्तों पर चलकर
मैंने अपनी किस्मत बनाई हैं।
कभी लालटेन तो कभी
दिए जलाकर की पढ़ाई, हैं
शायद मैं गरीब हूं, उसी की सजा पाई है
पर मैं ज़िद्दी हूं हार ना मानूंगा
दुःख देता है न ?
डटकर लड़ लुंगा तेरे हर वो सितम से
जिंदगी नहीं डरता मैं तुझसे।
तुम्हारी बेबसी&nbs
p;में मैंने अपनी बचपना गंवया हूं
पैसा कम ही सही पर बहुतों का प्यार पाया हूं
मेरे ख्वाब पूरे नहीं हुई है अभी,
मां-बाप को बहुत उम्मीद है मुझसे
बोलो कैसे डर जाऊं मैं तुझसे ?
जिंदगी नहीं डरता मैं तुझसे।
पसीने मे तरबतर हो रात बिताया है
आज अपनी मेहनत और अपनों के दुआओं से
किराया ही सही दो कमरे का घर पाया है
देखना एक दिन इससे भी आगे
बढ़ जाऊंगा फिर मैं अपना एक आशियां बनाऊंगा
तब मेरी कामयाबी को देखकर लोग जलेंगे मुझसे
तब भी मैं कहूंगा। जिंदगी नहीं डरता मैं तुझसे
चल हट नहीं डरता हूं मैं तुझसे।