अब तुम्हे रुकना नही
अब तुम्हे रुकना नही
बढ़े चल बढ़े चल
अपने लक्ष्य की ओर बढ़े चल
भय की कोई गुंजाइश नहीं
जीत के सिवा कोई ख्वाहिश नही
सर कटे तो कट जाए
पर किसे के आगे झुकना नहीं
बढ़े चल बढ़े चल
अब तुम्हे रुकना नही।
घोर अंधेरो की माया हो
काली बदरा छाया हो
चिर कर उजाला लाना है,
तब तक तुम थकना नही
बढ़े चल बढ़े चल
अब तुम्हे रुकना नही।।
मंजिले हैं बड़ी ।
और कोसो की दूरी है ।
सफर का बहाब निरंतर रखो
लक्ष्य पर अडिग रहना है जरूरी।
तुम अगर हो गए सफल,
""तो""
औरो की हार पर हंसना नहीं
बढ़े चल बढ़े चल
अब तुम्हे रुकना नहीं।।।
लोग हसेंगे तुम पर,
और अपने छोड़ जाएंगे
जिससे उम्मीद लगाओगे।
उम्मीदें तोड़ जाएंगे,
अड़े रहना हिमालय की तरह
हर मुसीबत के बाद भी,
मंजिल से पिछे हटना नहीं
बढ़े चल बढ़े चल
अब तुम कहीं रुकना नहीं
