जिंदगी का फलसफा
जिंदगी का फलसफा
यह जिंदगी का सफर, कब कहां ले जाए
भूले भटके मुसाफिर किस राह पर मिल जाएं
गुमनाम राहें जिंदगी की, मंजिल नजर न आए
न जाने किस मोड़ पर, कोई हमसफर मिल जाए
कदमों से कदम मिलाकर, भूले बिसरे गीत गाकर
होंठों पर हंसी लाकर,सबका दिल बहलाएं
ख्वाबों का काफिला, मंजिल की ओर जाए
टूटे हुए दिलों पर, ज़ख्मी हुए दिलों पर
प्रेम का मरहम लगाएं, मंजिल को अपनी पाएं
ये है जिंदगी का फलसफा, मस्ती में झूम जाएं।