'लाला लाजपत राय'
'लाला लाजपत राय'
संघर्षों में ही पूरा जीवन व्यतीत किए,
गर्म स्वभाव के कारण लोकप्रिय हुए।
तात राधा कृष्ण व माँ गुलाब देवी थी,
शिक्षक पिता के घर लाला जन्म लिए।
कुरीतियों, आडंबर व अंधविश्वास पर,
लाला लाजपतराय ने सदा किया प्रहार।
शिक्षा के आधुनिकता की कोशिश की,
ऐंग्लोवैदिक विद्यालयों का किया प्रसार।
लाला लाजपतराय ने ही सबसे पहले,
अंग्रेजों से पूर्ण स्वराज की मांग किया।
घूम घूम कर गाँवों, कस्बों व शहरों में,
स्वतंत्रता आंदोलन को विस्तार दिया।
किसानों के लिए अंग्रेजों से वे लड़ गए,
गिरफ्तार होकर मांडले जेल में कैद हुए।
असहयोग आंदोलन में भी भागेदारी की,
कुछ दिन में स्वराज पार्टी में शामिल हुए।
साइमन कमीशन गो बैक किया ऐलान,
विरोध का स्वर सब में ख़ूब मुखर हुआ।
अंग्रेज अफसर ने लाठी भांजी लाला पर,
चोट लगने से उनका ही देहान्त हुआ।
देशभक्तों ने इसका बदला लेने को ठाना,
अंग्रेजों के घृणित कार्य का विरोध किया।
क्रांतिकारी भगतसिंह राजगुरू सुखदेव ने,
ऑफीसर सांडर्स को गोली मार उड़ा दिया।