'तुम हो मेरी जिंदगी'
'तुम हो मेरी जिंदगी'
तुमसे अलग रहकर अब,
जीने का न कोई बहाना।
तुम सच में मेरी जिंदगी,
न चाहूँ बनना अफ़साना।
तुम न मिली यदि मुझे तो,
मेरा जीवन होगा वीराना।
बस! देखा है एक सपना,
तुमको है अब मुझे पाना।
तुम यदि मुझे मिल गई तो,
मेरे लिए वह होगा खज़ाना।
मिल जाती मुझे संजीवनी,
तेरा एक बार ही मुस्कराना।
हमारे सच्चे प्रीत का बना हो,
भले ही दुश्मन पूरा ज़माना।
मैंने भी दिल से ठान लिया है,
तुम्हें बस! अपना है बनाना।
मेरे दिल से चाहतों का तुम पे,
सही से लगा तीर का निशाना।
बस! अब इसी इंतज़ार में हूँ,
कब हो मुझे प्रीत का बताना।
मुझे बहुत याद आता है तेरा,
ख़्वाबों में मुझे आ सताना।
कितना दिल से तुम्हें चाहता हूँ,
दुनिया को अब मुझे दिखाना।