खुशियों का आंगन(महादेव भक्ति)
खुशियों का आंगन(महादेव भक्ति)
खुशियों से चमकता आंगन हो,
सोने सी चमकती आंखें हो।
उस घर में खुशहाली आए,
जिस घर में तुम्हारी पूजा हो।
खुशियों से..................!
ये भस्म तुम्हारा गहना है,
ये चांद तुम्हारी....पहचान है।
तुम जब ऐसे मुस्काते हो,
भक्तों का धड़कता ह्रदय है।
हर इक नजरें तुमको देखें,
तुम तो ऐसे वरदानी हो।
उस घर में खुशियां छाए,
जिस घर में तुम्हारी पूजा हो।
खुशियों से..................!
बर्फीले पहाड़ों पर बैठे,
कोई दुख न तुम्हारे पास आए।
ना काल का तुम पर पहरा हो,
तेरे भक्तों की भक्ति रंग लाए।
तुम हंसते हुए रखते सबको,
तुम ही तो दया के सागर हो।
उस घर में खुशियां छाए,
जिस घर में तुम्हारी पूजा हो।
खुशियों से..................!
{"तुम्हारे हैं हम सनम"}