गुरुओं की भूमि
गुरुओं की भूमि
ये पवित्र भारत भूमि है, देवों ने भी जन्म लिया,
ये ऋषियों की भूमि है, ज्ञानी गुरुओं की भूमि है।
वशिष्ठ, विश्वामित्र जैसे तपस्वी हुए,
तो स्वयं नारायण ने भी अवतार लिया।
जब-जब अत्याचार बढ़ा, धरा पर,
हमेशा एक नायक ने संघर्ष किया।
आर्यावर्त में धनानंद जैसे अत्याचारी हुए तो,
चंद्रगुप्त सम्राट देने वाले महान चाणक्य भी हुए।
चाणक्य ने एक साधारण को असाधारण बना,
भारतवर्ष का महान सम्राट बना दिया।
नंद वंश के क्रूर राजा का अंत कर,
आर्यावर्त को एक सुयोग्य शासक दे दिया।
अंधेरे में दीपक जला के, उजाला करता है,
गुरु बिना कुछ नहीं, ये जीवन अर्थहीन है।
शिष्य अगर आसमान में उड़ती पतंग है,
तो एक शिक्षक नियंत्रित करने वाली डोर है।
भारत वर्ष हमेशा ज्ञान का पर्याय रहा,
अत्याचारियों ने मिटाना चाहा, अस्तित्व इसका,
मिट गये हमारी सभ्यता को मिटाने वाले,
संघर्ष किया वीरों ने, नाम आज भी अडिग रहा।
हर एक सम्राट को सशक्त बनाने वाला,
वीरों की चिर चेतना में आग जलाने वाला,
इतिहास को बचाने वाला, एक गुरु ही रहा।
सभ्यता बचाने वाला, एक गुरु ही रहा।
