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Archana Tiwary

Inspirational

3  

Archana Tiwary

Inspirational

उलझन

उलझन

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खामोशी की गिरह में उलझनें छुपा लेती हूं...

देखा है अक्सर शोर करने वालों की उलझनें बढ़ते हुए.... 

सामने हो तो अपनेपन का स्वांग करते हैं.....

पर कड़वाहट की जुबां को कई बार महसूस किया है .....

खुद को सही साबित करने की होड़ में गिर जाते हैं

कुछ इस तरह .....

हाथ थामने वालों के भी हौसले बुझते देखा है...

खूबियां है कुछ उसमें तो ऐब भी है.....

अपनी शख्सियत तो खुद उन्हें ही बदलते देखा है....

अब सुकून से रहने दो मुझे रिश्तों की हरियाली के लिए

दूरियां भी जरूरी है..…



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