बेचैन दिल
बेचैन दिल
क्यों है बेचैन
मेरे ए दिल
कुछ तो बोल दे
कुछ ना छुपा
इस दुनिया से
राजे दिल खोल दे
बोल दे
कितना तूफान भरा है
तेरे दिल में
दिल तोड़कर
बहुरूपिया
छुप गए हैं बिल में
बेबसी का रोना
अब ना रो
मेरे नाजुक दिल
दुनिया को
अब दिखा दे
तेरे हौसले बुलंद
ना रहेगा
फिर तेरे दिल में
बेचैनी का यह आलम
दिल भी तेरा
मस्त रहेगा
जल जाएंगे जालिम
