वह लड़की है कहाँ
वह लड़की है कहाँ
वह लड़की है कहाँ
जो सूने जीवन में
रंग भर दे
गंगा सा निर्मल मन कर दे
आंचल से शीतल छाँव दे
आगे बढ़ने की राह दे
खिल कर वो मुस्कुरा दे
मेरे अवसाद को दूर भगा दे
मुख से मीठी वाणी बोले
मेरे जीवन में मिश्री घोले
जीवन पथ को सवार दे
जो मेरी रूह को एहसास दे
जो चंदा जैसी शीतल हो
सर्दी की रातों की ठंडक हो
कहां वह ऐसी लड़की हो
जिसकी बहारो जैसी रंगत हो
जो राधा जैसी छम छम नाचे
मीरा जैसे सुर संगीत में साजे
उसके आने से
जीवन रोशन बन जाए
वो लड़की अब तक ख्वाब में है
काश वह हकीकत में मिल जाए
मेरी जीवन बगिया
खिल खिल जाए
ईश्वर का वह प्यारा नजराना
मुझको मिल जाए
वह लड़की है कहाँ
जो सूने जीवन में
रंग भर दे।
गंगा सा निर्मल मन कर दे।