मेरे मन का पंछी
मेरे मन का पंछी
मेरे मन का पंछी कुछ गाना चाहे
तुझमें ही मुस्कराना चाहे
जज्बा ठौर ठिकाना चाहे
एक बार घर कर लें मुझमें
फिर तेरा ही हो जाना चाहे
राह कठिन हो चाहे जितनी
मन मंजिल को पाना चाहे
दूर रहे चाहे जितना प्रेमी
दिल उसी का हो जाना चाहे
सपनों में जो रहा है अबतक
हकीकत में उसको पाना चाहे
जो दूर हुई किसी कारण
उसको दिल जीवन में लाना चाहे।