अग्नि तुल्य चरणकमल
अग्नि तुल्य चरणकमल
ईश्वर के चरणकमलों का ध्यान धरते भक्त
अग्नि तुल्य हैं वे चरण कमल जो करें इच्छा नष्ट,
सामान्य तप पूजा से मन नहीं बन सकता शुद्ध
कलुषित मन सतोगुण में विश्वास द्वारा होता शुद्ध ।
भगवत् महिमा श्रवण से उत्पन्न होता है विश्वास
भगवत् कथा श्रवण की बहती हैं अमृतमयी नदियां
प्रभु चरण कमलों से बहनेवाली अमृतमयी नदियां
सर्वोच्च मंगलकारी कार्य का कारण होता विश्वास।
देवताओं ने उद्धार हेतु की चरणकमलों में प्रार्थना
दिव्य लीला श्रवण कीर्तन से व्यक्ति पावन होता,
भौतिक मोह के सागर को अनायास पार कर लेता
विभिन्न वस्तुओं की प्राप्ति हेतु नहीं होती कामना।
प्रभु का यश समस्त कल्मष को नष्ट कर देता
भगवान् का सुन्दर रूप भगवान् से अभिन्न होता ,
अद्भुत महान ऐश्वर्य से भगवान् विभ्राजमान् होते
मोहक शब्दों और भावमय शब्दों से प्रशंसित होते।
